वो कहती हैं वो जिद नहीं करती ...
जब पहली बार उसे एहसास दिलाया के देखो ये तुम्हारी जिद थी इस्लिये ऐसा हुआ...
उसने कहा तो तुमने क्यों जिद नहीं की..
मेरे से ज्यादा जिद करते तो मैं मान जाती ना..
फिर अगली बार वो किया
तो कहती हैं मुझे कुछ नहीं चाहिए तुमसे..
अरे लेकिन मैं तो मांग रहा हूं..
दे कह रहा हूं..
मैं कुछ जिद कर रहा हूँ ना..
अब केसे ऊसे फीरसे एहसास दिलाए के हैं ये जिद है जो तूने ही कहा था कि तुम करना या मैं पूरी कर दूंगा..
तुम्हारी हर ख़्वाब हर जिद मेरा होकुम है..ये थे तुम्हारे शब्द..
इस्लिये अब पता चला के जिद्द अपने आप में ही एक बवंडर है..
अंत में इतना सब हो जाने के बाद..
जिद्द ना पूरी करती हो..
फिर भावुक होके कहती हो के ये मैंने क्या किया...
भोली सी लड़की!!
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